सोशल मीडिया के दौर में फर्जी खबरें और एडिटेड वीडियो बहुत तेजी से वायरल होते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक निवेश योजना का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि मात्र 21 हजार रुपये के निवेश पर प्रतिदिन 1.25 लाख रुपये तक का मुनाफा मिलेगा। लेकिन क्या यह दावा सही है? आइए जानते हैं इस वायरल वीडियो की सच्चाई।
वायरल वीडियो में क्या दिखाया गया?
इस वीडियो में पीएम मोदी एक मंच से बोलते नजर आ रहे हैं और अंग्रेजी भाषा में यह कहते हैं कि:
"Invest 21,000 and earn up to ₹1.25 lakh every day..."
वीडियो में पीएम का चेहरा, हावभाव और माहौल सब कुछ सामान्य नजर आता है, जिससे आम दर्शक भ्रमित हो सकता है। लेकिन गौर से देखने और सुनने पर इसमें कई खामियां साफ दिखाई देती हैं।
PIB ने किया फैक्ट चेक, बताई सच्चाई
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB), जो कि केंद्र सरकार का आधिकारिक सूचना तंत्र है, उसने इस वायरल वीडियो की जांच की और स्पष्ट किया कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी है। PIB ने बताया:
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वीडियो को एडिट करके पीएम मोदी की एआई जनरेटेड आवाज डाली गई है।
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वीडियो में जो लहजा और उच्चारण है, वो पीएम नरेंद्र मोदी के बोलने के अंदाज से मेल नहीं खाता।
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पीएम मोदी आमतौर पर हिंदी में भाषण देते हैं। उन्हें अंग्रेजी में लंबा भाषण देते बहुत कम देखा गया है।
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ऐसी कोई योजना सरकार द्वारा न चलाई जा रही है और न ही प्रस्तावित की गई है।
AI और Deepfake तकनीक का इस्तेमाल
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वीडियो में AI और Deepfake तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। पीएम मोदी के पुराने भाषणों से उनका चेहरा और हावभाव लेकर उसमें नकली आवाज डाली गई है, जिससे यह झूठा प्रचार असली जैसा लगे।
AI आधारित Deepfake वीडियो इस समय इंटरनेट पर सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं, जो कि लोगों को गुमराह करने और फर्जी स्कीम्स में फंसाने के लिए बनाए जाते हैं।
सरकार ने दी चेतावनी
PIB ने अपनी फैक्ट चेक रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि:
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भारत सरकार या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी किसी निवेश योजना से जुड़े नहीं हैं।
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यह वीडियो एक ठगी और धोखाधड़ी का प्रयास है।
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लोग सतर्क रहें और इस तरह के वीडियो को फॉरवर्ड न करें।
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कोई भी योजना या निवेश संबंधित जानकारी केवल सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक माध्यमों से ही प्राप्त करें।
आम जनता के लिए जरूरी सुझाव
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किसी भी स्कीम पर विश्वास करने से पहले उसकी पुष्टि करें – जैसे कि PIB Fact Check या किसी अधिकृत सरकारी साइट से।
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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही उसे शेयर न करें – खासकर जब उसमें सरकार या प्रधानमंत्री जैसी हस्तियों का जिक्र हो।
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Deepfake को पहचानना सीखें – अगर किसी वीडियो में आवाज अजीब लगे, होंठों की चाल मेल न खाए या भाषा असामान्य हो तो सतर्क हो जाएं।
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सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल सरकार की वेबसाइट या प्रेस रिलीज से ही लें।
निष्कर्ष
वायरल हो रहा यह वीडियो पूरी तरह फर्जी है और इसमें दिखाई जा रही निवेश योजना भी भ्रामक और झूठी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के Deepfake वीडियो को पहचानना और उससे बचाव करना अब हर नागरिक की जिम्मेदारी है।