पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार, 6 दिसंबर, 2025 को मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' के नाम से एक नई मस्जिद की नींव रखी। कोलकाता हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद कबीर ने यह कदम उठाया, जिसके बाद से राज्य की राजनीति में नया बवाल शुरू हो गया है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
हुमायूं कबीर का स्पष्टीकरण: 'हम राम मंदिर के खिलाफ नहीं'
बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर आमादा, भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर को इस कदम के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कबीर ने शनिवार को विधिवत मस्जिद की नींव रखी।
मुर्शिदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मुद्दे पर अपना पक्ष साफ किया। उन्होंने अपने भाषण में आपसी सद्भाव और धार्मिक सम्मान पर जोर दिया:
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बाबरी मस्जिद पर अपनी बात कही, तब कुछ लोगों ने दावा किया कि वे सागरदिघी में राम मंदिर बनाएंगे। कबीर ने ऐसे दावों को केवल राजनीति के लिए किए जा रहे प्रयास बताया।
हाईकोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
अपने भाषण में हुमायूं कबीर ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का भी विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने इस फैसले को अपने लिए किसी दैवीय कृपा जैसा बताया
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस देश में $\text{145 करोड़}$ की आबादी में लगभग $\text{40 करोड़}$ मुस्लिम हैं, और अकेले पश्चिम बंगाल में $\text{4 करोड़}$ मुसलमान रहते हैं, वहाँ मस्जिद से जुड़े एक नए कदम को लेकर इतना विरोध क्यों हो रहा है। उन्होंने भावुक सवाल किया, “क्या हम यहां बाबरी मस्जिद के लिए एक भी पत्थर नहीं रख सकते?”
बाहरी दखल पर चेतावनी और सामाजिक सेवा की योजना
हुमायूं कबीर ने अपने संबोधन में बाहरी दखल को लेकर कड़ी चेतावनी दी। उनका इशारा उन नेताओं की ओर था जो उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों से आकर पश्चिम बंगाल की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं:
उन्होंने यह भी दावा किया कि वे अपने राज्य में बाबरी मस्जिद से जुड़ी किसी भी विध्वंसक कार्रवाई की अनुमति नहीं देंगे।
सबसे महत्वपूर्ण घोषणा यह रही कि प्रस्तावित मस्जिद के साथ ही एक अस्पताल बनाने की भी योजना है। कबीर ने कहा कि यह कदम लोगों की भलाई और सामाजिक सेवा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है। उनका कहना है कि जहाँ मस्जिद बनेगी, वहीं एक अस्पताल भी बनाया जाएगा, “ताकि सबका भला हो”।