आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से सरकारी स्वास्थ्य सेवा की एक बड़ी और चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। जिले के नरसारावपेट सरकारी अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन (Family Planning Operation) के दौरान डॉक्टरों ने एक महिला के शरीर के अंदर सर्जिकल ब्लेड छोड़ दिया। ऑपरेशन के बाद तेज दर्द होने पर जब एक्स-रे कराया गया, तो यह गंभीर गलती उजागर हुई, जिसके बाद अस्पताल में भारी हंगामा हुआ।
शरीर में छूटा सर्जिकल ब्लेड
नरसारावपेट के बलय्या नगर की रहने वाली रमादेवी (22) परिवार नियोजन ऑपरेशन के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती हुई थीं। डॉ. नारायण स्वामी और उनके स्टाफ ने रमादेवी का ऑपरेशन किया।
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ऑपरेशन के बाद रमादेवी को तेज और असहनीय दर्द होने लगा।
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पीड़िता को अस्पताल के स्टाफ ने यह कहकर घर भेज दिया कि दर्द सामान्य है।
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जब दर्द सहन नहीं हुआ, तो पीड़िता का एक्स-रे (X-Ray) कराया गया।
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एक्स-रे रिपोर्ट देखकर न केवल परिवार, बल्कि हर कोई हैरान रह गया – रिपोर्ट में साफ दिखा कि एक सर्जिकल ब्लेड महिला के शरीर के अंदर छूट गया था।
परिजनों का आरोप और अस्पताल स्टाफ पर हंगामा
इस गंभीर लापरवाही के सामने आने के बाद रमादेवी के परिजन भड़क उठे और उन्होंने अस्पताल में जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिम्मेदार डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
डॉक्टर की सफाई: स्टाफ की लापरवाही
ऑपरेशन करने वाले डॉ. नारायण स्वामी ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि ऑपरेशन के दौरान उनके पास एक और केस था, जिसके कारण वह चले गए थे। उन्होंने इस लापरवाही के लिए स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया।
डॉ. नारायण स्वामी: "वे ऑपरेशन चल गए थे, उनके पास एक और केस था। स्टाफ ने ठीक से सफाई नहीं की थी। उन्हीं की लापरवाही से सर्जिकल ब्लेड शरीर में ही छूट गया।"
हालांकि, यह सफाई परिजनों और प्रदर्शनकारियों को शांत नहीं कर पाई।
न्याय और बेहतर इलाज की मांग
एक्स-रे रिपोर्ट सामने आने के बाद महिला के परिजनों और रिश्तेदारों ने अस्पताल के सामने धरना दिया और डॉक्टरों की लापरवाही पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने अपनी मांगों को दोहराया:
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लापरवाह डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
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पीड़िता रमादेवी को तत्काल बेहतर इलाज और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
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पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए।
यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवा