Amarnath Yatra: ‘ऐसा लग रहा है मानो स्वर्ग आ गए…’, यात्री बोले- कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता

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Posted On:Monday, July 7, 2025

अमरनाथ जी की पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है। इस बार भी हर रोज नए-नए जत्थे यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 7 जुलाई को भी पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से पाँचवां जत्था प्रस्थान किया। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस पावन यात्रा में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं। इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं को और भी दुरुस्त किया है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो और वे अपनी आस्था की इस महायात्रा का भरपूर आनंद उठा सकें।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाएं बेहतर

अमरनाथ यात्रा के दौरान हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, इसलिए इस बार सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं। पूरे मार्ग पर पुलिस, सीआरपीएफ, और अन्य सुरक्षा बल तैनात हैं। इस बार ड्रोन सर्विलांस, कैमरे और हेलीकॉप्टर की मदद से भी निगरानी की जा रही है। बेस कैंप और रास्ते में मेडिकल सुविधा, शेल्टर, खाने-पीने का प्रबंध और आवागमन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इन सभी व्यवस्थाओं से श्रद्धालु बेहद संतुष्ट हैं और उनके मन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं

5वें जत्थे में शामिल उत्तर प्रदेश से आए एक श्रद्धालु ने बताया, "मैं इस यात्रा के लिए बहुत उत्साहित हूं। यहां की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। हम शांति और समृद्धि की कामना लेकर आए हैं। मैं सभी तीर्थयात्रियों से आग्रह करता हूं कि वे इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें।"

दिल्ली से आई श्रद्धालु सारिका ने कहा, "मैं इस पवित्र यात्रा के लिए बहुत खुश हूं। सुरक्षा के अच्छे इंतजाम किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात देख मैं पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करती हूं। मैं पूरे विश्व की शांति के लिए प्रार्थना करूंगी।"

भोपाल की एक महिला ने कहा, "यहां आकर ऐसा लग रहा है जैसे हम स्वर्ग में आ गए हों। सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत है कि हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। यह यात्रा हमारे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है।"

यात्रा की शुरुआत और महत्व

अमरनाथ गुफा यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई 2025 को हुई थी, लेकिन देशभर से श्रद्धालु इससे पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंचना शुरू कर चुके थे। पहले जत्थे का प्रस्थान 2 जुलाई को हुआ था। यह यात्रा भगवान शिव की गुफा की पवित्रता का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी लेते हैं, जो इस धार्मिक अनुभव को और भी यादगार बनाता है।

प्रशासन की सतत तैयारियां

इस बार प्रशासन ने कोरोना जैसी महामारी के बाद भी यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा है। बेस कैंप पर मेडिकल टैंट लगाए गए हैं, जहां डॉक्टर और पैरामेडिक्स लगातार मौजूद रहते हैं। खाने-पीने की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और रास्ते में आवागमन के लिए एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध है। मौसम की तेजी से बदलती स्थितियों को ध्यान में रखते हुए हाई अलर्ट जारी है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।

श्रद्धालुओं के लिए संदेश

अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं से प्रशासन ने आग्रह किया है कि वे यात्रा के नियमों का कड़ाई से पालन करें। पर्यावरण को स्वच्छ रखने और गुफा क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा नहीं फैलाने की अपील की गई है। साथ ही, प्रत्येक यात्री को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा और यात्रा के दौरान उचित सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना होगा।


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