इस समय सभी भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी आईपीएल 2025 में व्यस्त हैं, जहां हर दिन रोमांचक मुकाबले खेले जा रहे हैं। हालांकि, जैसे ही आईपीएल समाप्त होगा, भारतीय टीम का ध्यान एक बड़े और चुनौतीपूर्ण दौरे पर केंद्रित हो जाएगा। टीम इंडिया को इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है, जो 20 जून से शुरू होगी। यह सीरीज न केवल भारत और इंग्लैंड के बीच एक ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता को फिर से जीवित करेगी, बल्कि इसी के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का नया चक्र भी शुरू होगा।
इस सीरीज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को इस सीरीज के लिए कोई भी लीडरशिप रोल नहीं दिया जाएगा, चाहे वह कप्तानी हो या उप-कप्तानी। इस फैसले के पीछे का कारण सिलेक्टर्स की रणनीति और बुमराह की फिटनेस को लेकर बनी योजना है।
क्यों नहीं मिलेगा बुमराह को लीडरशिप रोल?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चयनकर्ता एक ऐसे खिलाड़ी को टीम का उप-कप्तान बनाना चाहते हैं, जो सभी पांच टेस्ट मैच खेलने के लिए उपलब्ध हो। सूत्रों ने बताया है कि बुमराह को यह भूमिका इसलिए नहीं दी जा रही क्योंकि वह वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत सभी टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाएंगे।
सूत्र ने कहा:
"हम ऐसा खिलाड़ी चाहते हैं जो सभी पांच टेस्ट मैचों में उपलब्ध हो और उसी को उप-कप्तान बनाया जाए। अगर जसप्रीत बुमराह हर मैच नहीं खेलेंगे, तो हमें हर मैच के लिए अलग उप-कप्तान नियुक्त करना पड़ेगा, जो आदर्श स्थिति नहीं होगी। इसलिए हम चाहते हैं कि कप्तान और उप-कप्तान दोनों ही स्थिर रहें और पूरी सीरीज में टीम का नेतृत्व करें।"
यह फैसला काफी व्यावहारिक नजर आता है क्योंकि लगातार पांच टेस्ट मैचों में खेलने के लिए तेज गेंदबाजों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, खासकर जब पिछली चोटों का इतिहास हो।
बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट है प्राथमिकता
जसप्रीत बुमराह हाल ही में अपनी पीठ की चोट से उबर कर आईपीएल 2025 में मैदान पर लौटे हैं। चोट के कारण वह पहले चैंपियंस ट्रॉफी और आईपीएल के शुरुआती हाफ से बाहर थे। हालांकि उनकी वापसी दमदार रही, लेकिन चयनकर्ता अब भी उन्हें लेकर सतर्क हैं।
बुमराह पिछले कैलेंडर वर्ष में भारत के लिए सबसे ज्यादा ओवर फेंकने वाले गेंदबाज रहे। इस कारण बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट ने यह सुनिश्चित किया है कि उनका वर्कलोड सही तरीके से मैनेज हो, ताकि वह लंबे समय तक फिट और उपलब्ध रह सकें।
इसी रणनीति के तहत यह फैसला लिया गया है कि बुमराह इंग्लैंड दौरे पर सभी पांच टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे। चयनकर्ताओं ने उनकी फिटनेस और करियर की लंबी उम्र को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
भारतीय टीम की रणनीति क्या होगी?
यह तय माना जा रहा है कि रोहित शर्मा ही इंग्लैंड दौरे पर टीम की कप्तानी करेंगे। अब उप-कप्तान कौन होगा, इस पर निगाहें टिकी हैं। शुभमन गिल, केएल राहुल या रविचंद्रन अश्विन जैसे नाम इस रेस में हो सकते हैं, लेकिन चयनकर्ता ऐसे खिलाड़ी को प्राथमिकता देंगे जो न केवल अनुभवी हो, बल्कि सभी मैचों में खेलने की स्थिति में भी हो।
टीम इंडिया के लिए यह टेस्ट सीरीज बेहद अहम है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पिछले चक्र में टीम फाइनल तक पहुंची थी लेकिन खिताब से चूक गई थी। ऐसे में इस बार की शुरुआत से ही टीम कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती।
निष्कर्ष
जसप्रीत बुमराह का लीडरशिप रोल से बाहर रहना निश्चित रूप से कुछ प्रशंसकों को हैरान कर सकता है, लेकिन यह फैसला उनके वर्कलोड और फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इंग्लैंड की परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल होती हैं, लेकिन साथ ही वहां लंबी टेस्ट सीरीज खेलना शारीरिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण भी होता है।
बुमराह टीम के सबसे अहम गेंदबाजों में से एक हैं, और उन्हें लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट के लिए बनाए रखने के लिए यह संतुलन बेहद जरूरी है। अब देखना होगा कि टीम इंडिया इस रणनीति के साथ इंग्लैंड में कैसा प्रदर्शन करती है।