मुंबई, 10 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बॉलीवुड से हॉलीवुड तक का सफर तय करने वाली ग्लोबल आइकॉन प्रियंका चोपड़ा जोनस हमेशा से अपने अलग अंदाज और बेबाक विचारों के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में, प्रियंका ने अपने जीवन के फलसफे को साझा करते हुए एक ऐसा बयान दिया, जो लाखों लोगों को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा, "मैं प्रसिद्धि के लिए नहीं, बल्कि जीने के लिए काम करती हूँ।" यह बयान उनकी विनम्र सोच और अपने परिवार व काम के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रियंका का यह विचार उनकी इस सोच को दिखाता है कि सफलता केवल बाहरी चमक-धमक से नहीं, बल्कि आंतरिक मूल्यों और जड़ों से जुड़ी होती है। एक मनोवैज्ञानिक ने उनके इस दृष्टिकोण को "स्व-जागरूक मानसिकता" (self-aware mindset) का एक आदर्श उदाहरण बताया है। उनके अनुसार, यह मानसिकता महत्वाकांक्षा और विनम्रता का एक सही संतुलन है, जहां काम की भागदौड़ के बावजूद परिवार और व्यक्तिगत जीवन को प्राथमिकता दी जाती है।
काम और परिवार के बीच संतुलन
प्रियंका चोपड़ा अपनी व्यस्तता के बावजूद अपने परिवार के लिए समय निकालना कभी नहीं भूलतीं। उनकी बेटी मालती मैरी के जन्म के बाद, उनकी प्राथमिकताएं और भी स्पष्ट हो गई हैं। वे अपने पति निक जोनस और बेटी के साथ बिताए गए हर छोटे पल को सबसे अधिक महत्व देती हैं। प्रियंका ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि उनका परिवार और उनके करीबी दोस्त ही उन्हें जमीन से जोड़े रखते हैं।
यह मानसिकता उन सभी लोगों के लिए एक सीख है जो काम और जीवन के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करते हैं। प्रियंका ने दिखाया है कि सच्चा सुख और सफलता तब मिलती है जब हम अपने काम को अपने जीवन का एक हिस्सा मानते हैं, न कि पूरा जीवन।
सफलता की नई परिभाषा
प्रियंका का यह बयान सफलता की एक नई परिभाषा पेश करता है। यह हमें सिखाता है कि प्रसिद्धि और पैसा क्षणिक हैं, जबकि हमारी असली पहचान हमारे मूल्यों, परिवार और हम जो काम करते हैं, उसमें निहित है। अपनी विनम्रता और कड़ी मेहनत के साथ, प्रियंका ने साबित कर दिया है कि एक अंतरराष्ट्रीय स्टार होने के बावजूद, अपनी जड़ों से जुड़ा रहना और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना संभव है।